ओशो आनंदवन ध्यान केंद्र में ध्यान कार्यक्रम की झलक
21 सितम्बर 2025, प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक, ओशो आनंदवन ध्यान केंद्र, कुरुक्षेत्र में एक विशेष ध्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सहभागी साधकों ने ओशो की ध्यान पद्धतियों के माध्यम से अपने भीतर गहरी यात्रा का अनुभव किया।
डायनामिक मेडिटेशन की ऊर्जा
सुबह की शुरुआत डायनामिक मेडिटेशन से हुई। तेज़ सांस, शरीर की कैथार्सिस, और गहन मौन – इस प्रक्रिया ने साधकों को भीतर दबे हुए बोझ को छोड़ने और ताजगी के साथ नए सिरे से जीने का अवसर दिया।
नृत्य और उत्सव
ध्यान के बाद का नृत्य और संगीत पूरे वातावरण को आनंद और उत्सव से भर गया। हर सहभागी ने महसूस किया कि जब शरीर स्वतंत्र होकर नृत्य करता है, तो भीतर की चेतना भी लयबद्ध होकर जाग्रत होने लगती है।
नादब्रह्म मेडिटेशन
अगले सत्र में साधकों ने नादब्रह्म ध्यान का अनुभव किया। मंत्र-सदृश हमिंग और मौन बैठने की प्रक्रिया ने सभी को भीतर गहन स्थिरता और शांति से जोड़ दिया। बहुत से प्रतिभागियों ने साझा किया कि उन्हें अपने भीतर एक नई ही गहराई का अनुभव हुआ, मानो वे स्वयं से पहली बार सच्चा संपर्क कर पाए हों।
आत्मस्मरण और जुड़ाव
पूरे कार्यक्रम के दौरान एक ही सूत्र बार-बार अनुभव हुआ – स्वयं के प्रति जागरूकता। प्रतिभागियों ने कहा कि यह ध्यान यात्रा उन्हें भीतर की मौनता और जीवन की सच्ची धुन से जोड़ पाई।
सहभागी अनुभव
• “मैंने पहली बार इतना गहरा मौन और शांति महसूस किया।”
• “डायनामिक ध्यान ने मेरे भीतर की सारी भारीपन को बाहर निकाल दिया।”
• “नृत्य और नादब्रह्म ध्यान ने मुझे खुद से जोड़ दिया।”
यह ध्यान शिविर सभी साधकों के लिए स्वयं की खोज की एक यात्रा बन गया। ओशो की ध्यान पद्धतियाँ केवल तकनीक नहीं, बल्कि जीवन को जीने का एक उत्सव हैं।
यदि आप भी इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो ओशो आनंदवन ध्यान केंद्र, कुरुक्षेत्र में होने वाले आगामी ध्यान कार्यक्रमों से जुड़ें और स्वयं को नए आयामों में अनुभव करें।
Registration for Programs Updates